BRICS बनाम डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर बयान और
मोदी से दोस्ती के पीछे की असली सियासत
प्रस्तावना :-
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि
भारत के साथ टैरिफ (शुल्क) को लेकर बातचीत जारी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
उनके मित्र हैं। लेकिन उन्होंने BRICS संगठन को लेकर चिंता जताई है और कहा है कि ‘BRICS डॉलर पर
हमला है’। ट्रंप के इस बयान से वैश्विक आर्थिक समीकरणों और भारत-अमेरिका संबंधों को
लेकर कई सवाल उठे हैं।
इस लेख में हम विस्तार से
जानेंगे:
1.
ट्रंप के बयान का अर्थ क्या
है?
- BRICS का क्या रोल है?
- डॉलर पर असल खतरा क्या है?
- भारत की रणनीति क्या हो सकती है?
- मोदी-ट्रंप की दोस्ती की हकीकत।
1. डोनाल्ड ट्रंप का बयान क्या कहा उन्होंने ?
डोनाल्ड ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा :-
India is a great friend. PM Modi is doing a
wonderful job. But they are part of BRICS And BRICS is a direct attack on the
dominance of the dollar
इस बयान में तीन मुख्य बिंदु हैं :-
- मोदी की तारीफ: ट्रंप ने पीएम मोदी को “दोस्त” बताया।
- भारत-अमेरिका टैरिफ बातचीत: व्यापार शुल्क को लेकर वार्ता जारी है।
- BRICS पर हमला:
BRICS को डॉलर के लिए खतरा
बताया।
2. BRICS क्या है?
BRICS एक
बहुराष्ट्रीय आर्थिक संगठन है जिसमें ये देश शामिल हैं
1. B: Brazil
2. R: Russia
3. I: India
4. C: China
5. S: South
Africa
(+ अब नए सदस्य: Iran,
Egypt, UAE आदि)
BRICS का उद्देश्य:
- अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करना
- अपने खुद के मुद्रा तंत्र को विकसित करना
- ग्लोबल ट्रेड को multipolar
बनाना
- IMF और World
Bank जैसे पश्चिमी संस्थानों
के विकल्प खड़े करना
3. क्यों डोनाल्ड ट्रंप को है BRICS से डर ?
डॉलर दुनिया की सबसे
शक्तिशाली मुद्रा है। अधिकांश वैश्विक व्यापार (जैसे तेल, गैस, टेक्नोलॉजी)
डॉलर में होता है। अगर BRICS अपने ट्रेड को local currencies (जैसे भारतीय
रुपया, युआन, रूबल) में
करना शुरू करता है, तो:
- डॉलर की मांग घटेगी
- अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा
- डॉलर की वैश्विक पकड़ ढीली होगी
इसलिए ट्रंप इसे
"हमला" मानते हैं।
4. भारत की स्थिति दोस्ती या रणनीति ?
भारत का अमेरिका और रूस दोनों
से मजबूत संबंध हैं।
- अमेरिका के साथ:
- ट्रेड पार्टनर
- रक्षा सौदे
- टेक्नोलॉजी सहयोग
- रूस और BRICS के साथ:
- ऊर्जा खरीद (ऑयल और गैस)
- ब्रिक्स करेंसी के समर्थन में
- वैकल्पिक व्यवस्था की योजना
भारत की रणनीति:
भारत दोनों पक्षों से संतुलन
बनाए रखना चाहता है — व्यापार अमेरिका से, रणनीति BRICS के साथ। मोदी सरकार का "वसुधैव
कुटुंबकम" और "मल्टी अलाइंड" नीति इसका उदाहरण है।
5. टैरिफ वार और व्यापार की बात
अमेरिका भारत से कई उत्पादों
पर कम टैक्स की मांग
करता है, जबकि भारत
अपने स्थानीय उद्योग की सुरक्षा चाहता है। मुख्य मुद्दे:
1.
मेडिकल
डिवाइसेज़
2.
टेक
प्रोडक्ट्स
3.
स्टील और
एल्युमिनियम
ट्रंप क्या चाहते हैं?
“We want better deals. India charges too much
tariffs on our goods.”
लेकिन भारत भी चाहता है कि:
- उसकी IT कंपनियों को
अमेरिका में एक्सेस मिले
- H-1B वीजा नीति में नरमी हो
6. डॉलर पर असली खतरा: BRICS करेंसी क्या होगी?
BRICS अपने Digital
Currency या Gold-Backed Currency की योजना
बना रहा है।
इससे:
- सदस्य देश डॉलर छोड़कर खुद की करेंसी में
व्यापार करेंगे
- पेट्रोडॉलर सिस्टम को चुनौती मिलेगी
- डॉलर की विश्वसनीयता घटेगी
BRICS करेंसी की संभावित विशेषताएं:
विशेषता |
विवरण |
मुद्रा का आधार |
गोल्ड, डिजिटल या साझा टोकन |
सदस्यता |
2024-25 में और देश जुड़ सकते हैं |
उपयोग |
अंतरराष्ट्रीय व्यापार, तेल, रक्षा |
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7. मोदी और ट्रंप की दोस्ती असलियत क्या है?
मोदी और ट्रंप की दोस्ती
राजनीतिक मंचों पर कई बार दिखी:
- Howdy Modi (USA 2019)
- Namaste Trump (India 2020)
लेकिन दोस्ती के पीछे भी राष्ट्रीय
हित प्राथमिक
होते हैं।
ट्रंप की नीति: America First
मोदी की नीति: भारत पहले, Global South के साथ
दोनों नेताओं की स्टाइल ज़रूर
मिलती है, लेकिन
लक्ष्य अलग-अलग हैं।
8. भारत को क्या करना चाहिए?
- अमेरिका से व्यापारिक रिश्तों को बनाए रखना
- BRICS में अपनी आर्थिक शक्ति बढ़ाना
- डॉलर पर निर्भरता को धीरे-धीरे कम करना
- नई BRICS करेंसी को टेक्नोलॉजी और क्रिप्टो से जोड़ना
- भारत को BRICS में नेता की भूमिका निभानी
चाहिए, चीन का
संतुलन बनाकर
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निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप के बयान में
दोस्ती और चिंता दोनों झलकती हैं। भारत अमेरिका का व्यापारिक मित्र है, लेकिन BRICS के माध्यम
से वह एक नए वैश्विक आर्थिक आदेश की ओर बढ़ रहा है।
BRICS बनाम डॉलर की लड़ाई आने वाले वर्षों में तेज होगी। भारत को चाहिए कि वह इस बहुध्रुवीय दुनिया में अपनी स्थिति को मज़बूत बनाए, और अमेरिका तथा BRICS — दोनों से संतुलन बनाकर आगे बढ़े।
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